ऋग्वेदीय ब्राह्मणों में दार्शनिकता
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वैदिक साहित्य में वेद, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद् आदि का समावेश होता है । ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद – यह चार वेदों की अनेक शाखाएँ है और उन हरेक शाखाओं के अनेक ब्राह्मण ग्रन्थ हैं । महाभाष्य के अनुसार वैदिक संहिताओं की 1131(ग्यारह सौ इकत्तीस) शाखाएँ थी[1], इसलिए ब्राह्मण ग्रन्थों की संख्या भी 1131 होनी चाहिए । परन्तु दुर्भाग्यवश ब्राह्मण साहित्य वैदिक संहिताओं की तरह सम्पूर्ण नहीं मिलते । कुछ़ ब्राह्मण ग्रन्थ मिलते हैं तथा कुछ़ विलुप्त ब्राह्मण ग्रन्थों के यत्र तत्र उद्धरण मिलते हैं ।
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